विद्यालय का गौरवमयी इतिहास

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के शाहपुर ब्लॉक में पुरा ग्राम में ज्ञान की ज्योति प्रकाशित कर अज्ञान के अन्धकार को समाप्त करने के लिए गाँव की ही एक पवित्र आत्मा स्वतंत्रा संग्राम सैनानी विधायक शुगन चन्द त्यागी एवं ग्रामवासियों के अथक प्रयास के फलस्वरूप 1949 ई0 में अशिक्षा दूर करने के दृढ़ संकल्प के साथ जिला परिषद के अन्तर्गत कक्षा 8 तक के जूनियर स्कूल की स्थापना हुई। जिसके प्रथम प्रधानाचार्य श्री मलखान सिंह थे जिनके संरक्षण और निर्देशन तथा विद्यालय के अध्यापकों के कठिन परिश्रम का ही परिणाम था कि विद्यालय की छवि पूरे जिले में सराहनीय थी और इस विद्यालय के छात्रों/छात्राओं को लेने के लिए प्रत्येक माध्यमिक विद्यालय तत्पर रहते थे।

Freedom Fighter of India

Late Mr. Shugan Chand Tyagi

(Founder Member of Shri Arvind Inter College, Pura)

1965 में स्वतंत्रा संग्राम सैनानी विधायक शुगन चन्द त्यागी के प्रयासों के फलस्वरूप विद्यालय को उ0 प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद से हाईस्कूल की सवित्त मान्यता मिली। दिनांक 29.01.1974 को विद्यालय की प्रबन्ध समिति के गठन के बाद विद्यालय का नाम जिला परिषद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरा से परिवर्तित कर श्री अरविन्द उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरा हो गया।

1984 में पुनः उ0 प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद से इण्टरमीडिएट की मान्यता मिलने पर अपने वर्तमान स्वरूप श्री अ0 इ0 का0 के नाम से निरन्तर ज्योर्तिमान है।

विद्यालय के प्रथम प्रबन्धक श्री आनन्द प्रकाश जीवन पर्यन्त विद्यालय के उत्तरोत्तर विकास एवं आधारभूत सुविधाओं के लिए संघर्षरत रहे। इनके कार्यकाल में विद्यालय का शिक्षा व्यवस्था भवन-निर्माण एवं अन्य सभी कार्यों की दृष्टि से सर्वांगीण विकास हुआ।
विद्यालय के द्वितीय प्रबन्धक श्री विजय पाल सिंह त्यागी प्रधानाचार्य श्री एम0 पी0 शर्मा तदुपरान्त प्रधानाचार्य बने श्री कृष्ण स्वरूप शर्मा के कुशल निर्देशन एवं प्रशासन में विद्यालय का शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर गतिविधियों में पूर्ण विकास हुआ।
1987 में विद्यालय के वर्तमान प्रबन्धक श्री नरेश चन्द त्यागी के पद भार ग्रहण करने के उपरान्त उनके कुशल नेतृत्व में विद्यालय का शिक्षा व्यवस्था, भवन निर्माण, अनुशासन एवं अन्य सभी कार्यों की दृष्टि से सर्वांगीण विकास हुआ।

1987 में श्री वीरेन्द्र सिंह त्यागी प्रबन्धक समिति के द्वारा प्रधानाचार्य नियुक्त किये गये। श्री वीरेन्द्र सिंह त्यागी जी का आगमन शिक्षा व्यवस्था, भवन-निर्माण अनुशासन एवं सरकारी अन्य सभी कार्यों की दृष्टि से विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए वरदान सिद्ध हुआ। वर्तमान प्रबन्धक श्री नरेश चन्द त्यागी एवं पूर्व प्रधानाचार्य श्री वीरेन्द्र सिंह त्यागी के कुशल निर्देशन एवं नेतृत्व में क्षेत्रावासियों के आर्थिक एवं भौतिक सहयोग से विद्यालय को शानदार भवन के रूप में परिवर्तित कराया। विद्यालय ने परीक्षाफल, छात्रा संख्या एवं शिक्षणेत्तर गतिविधियों में सर्वांगीण विकास किया। आपके कार्यकाल में ही विद्यालय में इण्टरमीडिएट विज्ञान संकाय की एवं हाईस्कूल में वाणिज्य की कक्षाऐं प्रारम्भ हुई।

श्री वीरेन्द्र सिंह त्यागी की 15 वर्ष की अनवरत सेवा के बाद 2 जुलाई 2008 में युवा शक्ति से ओत-प्रोत कुशल प्रशासक, ईमानदार, कर्त्तव्यनिष्ठ एवं परिवर्तनवादी तथा परम्परा एवं आधुनिकता के असीम संयोगकर्ता और अनुशासन प्रिय शिक्षा के लिए सतत् प्रयत्नशील रहने वाले श्री अनिल कुमार त्यागी की नियुक्ति की गई।

अनिल कुमार के सेवानिवृत्ति के बाद 01 अप्रैल 2018 को स्व0 श्री जगदीश कुमार को प्रधानाचार्य नियुक्त किये गये अल्पकालिक कार्यकाल में आपने विद्यालय को नई दिशा दी। 

19.5.2021 से विद्यालय प्रधानाचार्य का दायित्व क्षितिज कुमार को सौंपा गया। वर्तमान प्रधानाचार्य के द्वारा गत सत्रीय कार्यक्राल में मूर्ति स्थापना, प्रयोगशालाओं और प्रांगण का जीर्णोद्धार किया गया। विद्यालय को विश्व नेटवर्क में अपनी ऑनलाइन उपस्थिति बनाने हेतु वेबसाइट का निर्माण सूचना क्रान्ति को सुदृढ़ करेगा। न्यायः मम धर्मः के नीति पथ पर चलकर विद्यालय भविष्य में नित्य नये आयामों को छूने के लिए सदैव तत्पर रहेगा।

School's Philosphy

The school of the SAIC is a center  where: –

  • School aim to preserve and enhance the highest standards of excellence and prepare generations for the 21st century.
  • SAIC students are helped to master the expanding horizons of technology and also become the repository of a deep commitment to Indian ethos and culture in its pristine form.
  • SAIC students are equipped to access the best opportunities of growth and advancement by being prepared linguistically and culturally. The concept of enlightened citizen of the world will be the backdrop of all their endeavours.
  • SAIC Students will be carefully sensitized to environmental concerns, the feeling of nationalism and communal harmony.